दिल्ली के मुखयमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर पदयात्रा के दौरान एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा लिक्विड फेका गया।
दिल्ली की जनता से मिल रहा प्यार और समर्थन ही हमारी ताकत है। आज की पदयात्रा ग्रेटर कैलाश विधानसभा में। LIVE https://t.co/7jk7Uix8cC
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 30, 2024
Arvind Kejriwal को एक रैली के दौरान एक व्यक्ति ने लिक्विड फेका :
आपको बता दे कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2025 में आने वाले चुनाव की तैयारी में है। बीते शनिवार यानी 30 नवंबर को केजरीवाल AAP के एजेंडा बताने के लिए दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में पदयात्रा कर रहे थे। इसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति ने उन पर तरल पदार्थ फेंक दिया ,उसके बाद मुख्यमंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया और उसकी पिटाई भी की। आपको बताते चले कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ यह घटना कई बार हो चुकी है
अरविंद केजरीवाल आने वाले 2025 में विधानसभा चुनाव को लेकर बहुत गंभीर दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल पर लिक्विड फेंकने की यह तीसरी घटना है। इस मामले में पकड़े गए व्यक्ति का नाम अशोक झा है। वही मामले में आम आदमी पार्टी का कहना है कि अज्ञात व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पर स्प्रिट फेंका है ,उसने मुख्यमंत्री को जलाने की कोशिश की है लेकिन पुलिस का कहना था कि उस व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पर पानी फेंका है। आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल को Z+ सिक्योरिटी प्राप्त है वही इस मामले में पदस्थ मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा है कि आज दिन दहाड़े भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर हमला किया है ,दिल्ली चुनाव का तीसरी बार हारने की बौखलाहट भाजपा में दिख रही है।
वही DCP अंकित चौहान का कहना था ,कि आम आदमी पार्टी ने पदयात्रा के लिए प्रशासन से कोई परमिशन नहीं ली थी। उस समय भीड़ ज्यादा होने से खानपुर डिपो के एक बस मार्शल अशोक झा अभिवादन करते हुए अरविंद केजरीवाल पर पानी फेंकने का प्रयास किया। उसके बाद तुरंत पुलिस टीम ने अशोक झा को पकड़ लिया और उससे पूछताछ की जा रही है। AAP के नेता सौरभ भारद्वाज का कहना था कि अज्ञात व्यक्ति ने अरविंद केजरीवाल पर स्पिरिट फेका है और दूसरा व्यक्ति माचिस लेकर आया था। उनकी कोशिश अरविंद केजरीवाल केजरीवाल को जिंदा जलाने की थी ,लेकिन हमारी वजह उनका उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया।
हालांकि पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लिक्विड का सैंपल लेने में जुड़ गई ताकि परीक्षण करके पता चल सके कि वह लिक्विड पदार्थ स्परिट था या पानी था।